भारतीय इतिहास में कई महान व शक्तिशाली साम्राज्यों का प्रभुत्व रहा है, उन्ही साम्राज्यों में से एक मुगल साम्राज्य के बहुत से शासको ने भारत में कई वर्षो तक राज किया है। मुगल साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक अकबर था, जिसकी मृत्यु मात्र 63 वर्ष की आयु में फतेहपुर सीकरी, आगरा (उत्तर प्रदेश) में हो गई थी।
अकबर के मकबरे के बारे में जानकारी
अकबर का मकबरा वो जगह है जहाँ मुग़ल साम्राज्य के अजीम ताकतवर शहंशाह जलालुदीन मोहम्मद अकबर की कब्र है। आगरा से 4 km दूर सिकंदरा में बने अकबर के मकबरे का निर्माण कार्य 409 साल पहले 1605 में स्वयं अकबर ने अपने जीते जी शुरू करवा दिया था, लेकिन मकबरा बनने से पहले ही अकबर की म्रत्यु हो गई और बाद में जहाँगीर ने इसका निर्माण पूरा करवाया। यह मकबरा बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बना हुआ है। इस इमारत को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है की अकबर सभी धर्मो को मानता था इसके दरवाजो पर हिन्दू, मुस्लिम, जैन शैली नजर आती है।
अकबर के मकबरा की वास्तुकला
अकबर के मकबरे की वास्तुकला मुगल शैली का एक प्रतीक है। मुख्य रूप से इस संरचना की वास्तुकला हिंदू राजपुताना डिजाइन और गोथिक मुगल शैली का मिश्रण है। इसमें इस युग के अन्य स्मारकों की तरह समरूपता की मानक विशेषता है। अकबर का मकबरा एक दीवार से घिरा हुआ है जो पूरी संपत्ति को घेरती है। इसमें चार द्वार हैं। इनमें दक्षिणी द्वार चार संगमरमर छतरी वाले शीर्ष मीनारों के साथ सबसे बड़ा है जो ताजमहल के समान है। यह द्वार प्रवेश का सामान्य बिंदु है। बता दें कि यह मकबरा पिरामिड आकार का है, जिसमें चार मंजिल और एक संगमरमर का मंडप है जिसमें झूठी कब्र स्थित है। असली कब्र तहखाने में स्थित है। ग्राउंड फ्लोर दक्षिणी ओर के केंद्र को छोड़कर चारों तरफ से पैदल मार्ग से घिरा हुआ है, जो मुख्य द्वार से जाने वाला रास्ता है।
दूसरी मंजिल में कुछ कमरें में पिरामिड की आकृतियों में संगमरमर की छतें हैं। बाकी कमरों में मार्बल की छत है। तीसरी मंजिल के हर छोर पर एक छोटा चौकोर आकार का कमरा है। शीर्ष मंजिला जो कि मंडप है और पूरी तरह से सफेद संगमरमर से बना है। इसमें एक खुला-चौकोर कोर्ट है। पतले मेहराब और पियर्स ने केंद्रीय आंगन को घेर लिया है, इसे कई खण्डों में विभाजित किया गया है। इमारत का निर्माण मुख्य रूप से गहरे लाल बलुआ पत्थर से किया गया है, जो सफेद संगमरमर से सजी हुई है।
अकबर के मकबरे के बारे में रोचक तथ्य
इस मकबरे की यात्रा आपके लिए कई मायनों में खास हो सकती है। इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह एक शानदार स्थल है, यहां मुगलकालीन इतिहास के कई अहम पहलुओं को समझा जा सकता है। आप इस मकबरे के माध्यम से मुगल वास्तुकला को करीब से देख सकते हैं। यहां की यात्रा आपको भारतीय इतिहास की तरफ ले जाएगी। इसके अलावा आप आगरे स्थित अन्य संरचनाओं को भी देख सकते हैं, जिसमें ताजमहल सबसे खास है।
अकबर के मकबरे का प्रवेश शुल्क
भारतीयों के लिए प्रवेश शुल्क 20 रूपये है।
सार्क के नागरिकों को प्रति व्यक्ति 15 रुपये का भुगतान करना पड़ता है।
विदेशियों को 200 रूपये का भुगतान करना होगा।
15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से शुल्क नहीं लिया जाता है।
एक वीडियो कैमरा ले जाने की लागत 25 रूपये है।