नेवल एविएशन म्यूजियम की आउटडोर गैलरी
नौसेना उड्डयन संग्रहालय की बाहरी गैलरी में एक बहुत बड़ा पार्क हैं, जिसमे घूमते हुए पर्यटक नौसेना के डिकम्प्रेशन वाले विमान देख सकते हैं। जिनमे से कुछ 1940 के दशक के पहले के हैं। एक छोटा शेड विभिन्न विमान इंजनों को भी प्रदर्शित करता है। यहां कुल 13 विमान गैलरीयों को प्रदर्शित किया गया हैं।
शॉर्ट सीलैंड एमके 2 (106)
यह भारत में अपनी तरह का एकमात्र जीवित विमान है जो दुनिया में अस्तित्व ज्ञात तीन में से एक है। सीलैंड ऐसा पहला विमान हैं जिसे सन 1953 में नौसेना विमानन निदेशालय की स्थापना के बाद शामिल किया गया था।
फैरी फायरफ्लाई टीटी एमके 1 (112)
फैरी फायरफ्लाई टीटी एमके 1 यह भारत में अपने प्रकार का एकमात्र क्राफ्ट है यह दुनिया अपनी तरह के 12 क्राफ्टो में से एक हैं। यह क्राफ्ट ब्रिटिश WW2 के समय के वाहक जनित लड़ाकू और पनडुब्बी रोधी विमानों में से एक था। यह क्राफ्ट अपने टारगेट को लक्षित करने के उद्देश्य से मई 1955 में हासिल किया गया था।
एचएएल एचटी -2 (बीएक्स 748)
नौसेना ने 1956 से 1964 तक HALHT -2 का इस्तेमाल प्राथमिक प्रशिक्षकों के रूप में किया था। वर्तमान समय में जिस विमान का उपयोग नौसेना करती हैं वह आईएएफ अंकन है।
डी हैविलैंड वैम्पायर टी -55 (149)
डी हैविलैंड वैम्पायर टी -55 जोकि दो-सीटर वैरिएंट हैं भारतीय नौसेना द्वारा सितंबर 1957 में नौसेना के हवाई जहाजों पर नौसेना के वायुयानों को प्रशिक्षित करने के उद्देश से खरीदा गया था।
हॉकर सी हॉक एफजीए एमके 100 (234)
हॉकर सी हॉक एफजीए एमके 100 ने भारत के पहले विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत के साथ नौसैनिक सेवा जुड़ा था और अंत में सी हैरियर द्वारा प्रतिस्थापित किए जाने से पहले दो दशकों तक देश को अपनी सेवाएं प्रदान की हैं।
ब्रेगेट अलिजे (202)
ब्रेगेट अलिजे 202 नौसेना का पहला वाहक था जोकि एंटी सबमरीन और मैरी टाइम सर्विलांस (एएसएम) विमान पर आधारित था। ब्रेगेट अलिजे 202 ने नौसेना में 1961 में प्रवेश किया था।
डी हैविलैंड डोव (124)
डी हैविलैंड डोव को भारतीय वायु सेना के साथ 1965 में शोर्ट सीलैंड को बदलने के लिए जोड़ा गया था।
एचएएल चेतक – एचएएल चेतक को सन 1975 में INS विक्रांत के साथ एक खोज और बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर के रूप में शामिल किया गया था।
ह्यूजेस हू 300
ह्यूजेस हू 300 दो सीटर हेलीकॉप्टर हैं जिसे सन 1971 में हेलीकॉप्टर पायलटों के एबइनिटियो के प्रशिक्षण के लिए शामिल किया गया था। लेकिन 1980 के दशक के मध्य में चरणबद्ध किया गया था।
वेस्टलैंड सी किंग एमके 42
नौसेना में एंटी सबमरीन वारफेयर की भूमिका को पूरा करने के उद्देश्य से 1970 के दौरान वेस्टलैंड सी किंग एमके 42 को खरीदा गया था।
लॉकहीड L1049G सुपर नक्षत्र (315)
यह लॉकहीड L-1049G मूल रूप से 1955 में एयर इंडिया में शामिल किया गया था। इसे “एलोरा की रानी” के नाम से जाना गया था। सन 1961 में भारतीय वायु सेना में स्थानांतरित किया गया था बाद में सन 1976 में नौसेना शामिल किया था और 1983 में सेवानिवृत्त कर दिया गया।
कामोव का-25 (573)
कामोव 25 को 1980 में खरीदा गया था जोकि अनिवार्य रूप से एंटी-सबमरीन वारफेयर (ASW) के लिए माध्यमिक निगरानी, खोज और बचाव (SAR) कार्यों में अपनी भूमिका निभाता था।
सी हैरियर FRS.51 (621)
डिस्प्ले पर सिंगल सीटर सी हैरियर को 1991 में शामिल किया गया था और यह INS विक्रांत के साथ-साथ INS विराट के पर आधारित हैं।