मसूरी हिल स्टेशन घूमने की पूरी जानकारी

उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित मसूरी एक बहुत ही सुंदर और फेमस हिल स्टेशन है। यह देहरादून से 35 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। यह हिल स्टेशन गढ़वाल हिमालय पर्वतमाला की तलहटी में स्थित है, इसकी सुन्दरता को देखते हुए इसे ‘दी क्वीन ऑफ़ हिल्स’ (The Queen Of Hills) का नाम दिया गया। मसूरी को गंगोत्री, यमनोत्री के प्रदेश द्वार के रूप में भी जाना जाता है। मसूरी में मंसूर की झाड़ी मुख्य रूप से पाई जाती है, इन्ही झाड़ी पर इसका नाम मसूरी पड़ गया।  समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 2000 मीटर उपर है। मसूरी एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है, जहाँ विविध वनस्पति व जीव मौजूद है, यहाँ की हरी वादियों को देखने लोग दूर दूर से आते है। 

आस पास की पर्यटक स्थान  


लाल टिब्बा 

 

यह मसूरी के सबसे ऊँची चोटी पर स्थित है, इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 2290 मीटर है। यहाँ से ऐसे नज़ारे देखने मिलते है, जो आपने पहले कभी नहीं देखे है. यहाँ से केदारनाथ, बद्रीनाथ भी दिखाई देता है। अपने दर्शकों के सुरम्य वातावरण दिखाने के लिए, यहाँ कुछ लोग जापानी दूरबीन के द्वारा आपको दूर की चोटियाँ दिखाते है। 

 

दी मॉल 

 

इसे मॉल रोड भी कहते है।  यह मसूरी का मार्किट है, जहाँ सब कुछ मिलता है। यहाँ बहुत सी होटल भी है, और सभी तरह की दुकाने भी यहाँ मौजूद है। यहाँ से टैक्सी आसानी से मिल जाती है, जिससे आप मसूरी में दूर वाले स्थान जा सकते हो।

 

मसूरी का क्राइस्ट चर्च


लाइब्रेरी बस स्टैंड से 0.6 किमी की दूरी पर, क्राइस्ट चर्च मसूरी में कसमांडा पैलेस के पास स्थित एक प्राचीन चर्च है। क्राइस्ट चर्च का निर्माण 1836 में किया गया था यह हिमालय पर्वतमाला में सबसे पुराना मौजूदा चर्च है। चर्च का निर्माण ब्रिटिश समुदाय द्वारा किया गया था। पर्यटकों का ध्यान खींचने के लिए चर्च की दीवारों और अंदरूनी हिस्सों को खूबसूरती से सजाया गया है।


कैमल्स बैक रोड

 

कैमल्स बैक रोड कुलरी बाजार से मसूरी में लाइब्रेरी चौक तक 3 किमी लंबा है। यह मसूरी शहर में घूमने के लिए शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक है।कैमल्स बैक रोड का निर्माण 1845 में किया गया था। इस सड़क में एक प्राचीन हवा घर है जहाँ लोग बैठकर खूसबूरत चोटियों को देख सकते हैं। यहां से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, चौखम्बा, नंदा देवी चोटियां दिखाई देती हैं।


तिब्बती बौद्ध मंदिर 

 

लाइब्रेरी बस स्टैंड से 2.5 किमी की दूरी पर, हैप्पी वैली मसूरी में एक बड़ी तिब्बती बस्ती है। यह आईएएस अकादमी, तिब्बती मंदिरों और नगर उद्यानों के आवास के लिए भी प्रसिद्ध है। यह मसूरी के शीर्ष दर्शनीय स्थलों में से एक है। मंदिर के ध्यान कक्ष को दीवारों, पैनलों और छत पर सुंदर चित्रों के साथ उकेरा गया है। मंदिर बेनोग हिल सर्किट का एक शानदार मनोरम दृश्य प्रदान करता है।


गन हिल

 

मसूरी में ये दूसरी सबसे ऊँची जगह है. ब्रिटिश समय में यहाँ गन से अंधाधुंध फायरिंग हुई थी, जिसके बाद इसका नाम गन हिल रख दिया. यह समुद्र तल से 2024 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।


मसूरी लेक

 

मसूरी-देहरादून रोड पर ये 6 किलोमीटर लम्बा लेक है, जिसे सिटी बोर्ड के द्वारा पिकनिक स्पॉट घोषित किया गया है। यह प्राकतिक लेक, प्राकतिक झरने से बनता है। यहाँ डक पानी में देखे जा सकते है, इसके अलावा पैडल वाली नाव भी चलती है, जिसका लुफ्त पर्यटक यहाँ लेते है।


इसलिए प्रसिद्ध है मसूरी - 

 

मसूरी पहाड़ों की रानी के लिए प्रसिद्ध है।

मसूरी गर्मियों की छुट्टियों के लिए प्रसिद्ध है।

मसूरी अपनी सुंदरता और प्रकृति के लिए प्रसिद्ध है।

मसूरी मॉल रोड के लिए  प्रसिद्ध है। मसूरी में किसी भी अन्य हिल स्टेशन की तुलना में सबसे लंबा मॉल रोड है मसूरी में है।

मसूरी खरीददारी के लिए भी प्रसिद्ध है।

मसूरी नाइट लाइफ के लिए प्रसिद्ध है।

मसूरी खूबसूरत घाटी के लिए प्रसिद्ध है।

मसूरी घूमने जाएं तो इन हिल स्टेशनों पर जाना न भूलें


Dhanaulti, यह हिल स्टेशन मसूरी से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। धनोल्टी मसूरी के पास एक छोटा सा और खूबसूरत हिल स्टेशन है, इस हिल स्टेशन से गंगोत्री रेंज के पहाड़ों का दृश्य साफ दिखाई देता है। धनोल्टी खूबसूरत हिमालय की चोटियों के बीच में बसा हुआ है।


Kanatal Uttarakhand में एक बहुत खूबसूरत और शान्त वातावरण वाला हिल स्टेशन है। जिसके बारे में पहले बहुत कम लोग जानते थे लेकिन अब यह हिल स्टेशन  धीरे-धीरे पसंदीदा पर्यटक स्थल बनता जा रहा है, युवाओं के बीच में। कानाताल पसंदीदा पर्यटक स्थल इसलिए बनता जारहा है।


मसूरी जाने का सही समय


यहाँ जाने का सही समय मार्च से नवम्बर तक का होता है। सर्दी के मौसम में यहाँ अत्याधिक ठण्ड पड़ती है, कई बार बर्फवारी, बारिश भी हो जाती है।सर्दिओ में यहाँ दिन का तापमान 7 डिग्री होता है, जबकि रात में तो जीरो भी चला जाता है। यहाँ गर्मी अधिक नहीं होती है, दिन में तापमान 30 रहता है, जबकि रात में ठंडक बढ़ जाती है. तो गर्मी के मौसम में यहाँ आप जाकर अच्छा महसूस करेंगें. मानसून में भी इस हिल स्टेशन की सुन्दरता और बढ़ जाती है। पर्वत में स्थित होने के कारण, मानसून में ऐसा लगता है, मानों आप बादल में रह रहे हो।