राजस्थान का 'स्विट्जरलैंड' किशनगढ़ ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे हुए है।

'राजस्थान का स्विट्जरलैंड' नाम सुनकर थोड़ा अजीब लग सकता है, फिर भी यह शहर स्विट्ज़रलैंड जैसा लगता है, जो संगमरमर के सफेद कोटिंग में घिरा हुआ है। किशनगढ़ राजस्थान के अजमेर जिले का एक ऐतिहासिक और औद्योगिक शहर है। मदनगंज-किशनगढ़ इसका पूरा नाम है, और इसकी स्थापना 1609 में जोधपुर के महाराजा किशन सिंह ने की थी। यह अब दुनिया भर में मार्बल सिटी के नाम से जाना जाता है।
किशनगढ़ न केवल अपने मार्बल सिटी के लिए बल्कि अपने डंपिंग यार्ड के लिए भी जाना जाता है। डंपिंग यार्ड का इस्तेमाल बॉलीवुड की कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में भी किया गया है। नतीजतन, किशनगढ़ की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है। मार्बल मंडी के नाम से मशहूर किशनगढ़ में 70 फीसदी मार्बल और 30 फीसदी ग्रेनाइट का कारोबार चलता है। किशनगढ़ में कई ऐतिहासिक घटनाएं घट चुकी हैं। लोकप्रिय पर्यटन स्थल किशनगढ़ का एक लंबा इतिहास रहा है। इसकी भव्यता किलों, महलों, झीलों और आश्चर्यजनक कलाकृति द्वारा बढ़ाई गई है।

 

किशनगढ़ की भौगोलिक स्थिति : किशनगढ़ शहर अरावली पर्वतमाला की गोद में अजमेर जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर एवं जयपुर से 100 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर स्थित है। इसके देश के बाकी हिस्सों से सड़क, रेल और विमानन संपर्क हैं। किशनगढ़ हवाई अड्डे से हैदराबाद, दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद, इंदौर और उदयपुर जैसे स्थानों के लिए नियमित उड़ानें हैं। अरावली की पहाड़ियाँ, जो नए बस स्टेशन के करीब हैं, पूरे देश में नेफलीन साइनाइट नामक पत्थर के लिए जानी जाती हैं।

किशनगढ़ का इतिहास:जोधपुर के राजा मोटाराजा उदय सिंह के पुत्र किशन सिंह ने 1609 ई. में किशनगढ़ में राठौड़ वंश की स्थापना की। मुगल शासक जहांगीर ने उन्हें महाराजा की उपाधि दी थी। किशन सिंह ने 1612 ई. में किशनगढ़ शहर को अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया। दूसरे चरण में, किशनगढ़ 25 मार्च, 1948 को राजस्थान संघ में शामिल हो गया था। किशनगढ़ किला, फूल महल पैलेस, गुंडलाव झील, खोड़ा गणेश जी मंदिर, नवग्रह मंदिर और डंपिंग यार्ड शहर में रुचि के प्राथमिक बिंदु हैं

बानी-थानी की पेंटिंग: किशनगढ़ का क्षेत्र अपनी खूबसूरत कलाकृति के लिए विशेष रूप से विख्यात है। इन्हीं में से एक पेंटिंग है बानी-थानी। इस अनूठी पेंटिंग का दूसरा नाम राजस्थान की मोनालिसा है। बानी-थानी एक कवयित्री थीं, जिन्होंने राजा सावंत सिंह के दरबार में सेवा की, जो एक कवि थे जो सौंदर्य की एक मॉडल भी थे। इसे सबसे खास पेंटिंग इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि भारत सरकार ने बनी-ठनी पर डाक टिकट भी जारी किया था।

कई फिल्मों की भी हुई शूटिंग: किशनगढ़ के डंपिंग यार्ड का इस्तेमाल बॉलीवुड की कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में भी किया गया है।  यहां पहली शूटिंग वर्ष 2015 में कॉमेडियन कपिल शर्मा की किस-किस से प्यार करूं की हुई थी। उसके बाद, हिंदी, पंजाबी, हरियाणवी और हिंदी-पंजाबी मिक्स में गाने और टीवी विज्ञापनों की शूटिंग की गई। इस डंपिंग यार्ड में कई कलाकारों ने शूटिंग की है, जिनमें श्रद्धा कपूर, टाइगर श्रॉफ, सोनाक्षी सिन्हा, प्रभु देवा, अनिल कपूर और सपना चौधरी शामिल हैं। क्रिकेटर शिखर धवन भी यहां विज्ञापन की शूटिंग कर चुके हैं।