नेशनल जूलॉजिकल पार्क दिल्ली - नेशनल जूलॉजिकल पार्क घूमने की पूरी जानकारी

राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, जिसे दिल्ली चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है, दिल्ली के लोगो के लिए एक बहुत फेमस  पिकनिक स्थान है। यह राजधानी दिल्ली में पुराने किले के पास स्थित है। जूलॉजिकल पार्क, जो 1959 में इसकी स्थापना की गयी था, पार्क वर्तमान में एशियाई शेर, रॉयल बंगाल टाइगर, भौंह सींग वाले हिरण, दलदली हिरण, भारतीय गैंडे जैसी कई लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के रूप में कार्य कर रहा है। 2008 तक राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में 1347 स्तनपायी और 127 पक्षी प्रजातियां थीं। यह पार्क न केवल इन जानवरों के संरक्षण के लिए समर्पित है, बल्कि यह उनके लिए प्रजनन स्थल के रूप में भी कार्य करता है। इस पार्क में वन्यजीवों के आवास बनाए गए हैं जहां आप उन्हें देख सकते हैं। दिल्ली के केंद्र में स्थित, यह पार्क आपके परिवार, बच्चों और दोस्तों के साथ घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय स्थलों में से एक है, जो दुनिया भर से आगंतुकों को आकर्षित करता है।

नेशनल जूलॉजिकल पार्क का इतिहास

1 नवंबर 1959 में स्थापित दिल्ली चिड़ियाघर की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में निवासियों और पर्यटकों को एक स्वस्थ और सस्ता अवकाश प्रदान करना था। दिल्ली चिड़ियाघर के रूप में जाने जाना वाला इस पार्क को 1982 में देश का आदर्श चिड़ियाघर होने के के कारण राष्ट्रीय प्राणी उद्यान का दर्जा दिया गया जिसके बाद से इसे राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के नाम से जाना जाने लगा।

 

दिल्ली चिड़ियाघर में देखे जाने वाले जानवर

जैसी ही आप राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में प्रवेश करते हैं, कई आकर्षक जीव अपने जीवन जीने के तरीकों में आपका स्वागत करते हैं। यहां आप ऑस्टेलिया, अफ्रीका, अमेरिका और एशिया से लाए गए कई प्रजातियों के जानवरों, पशु-पक्षियों को देख सकते हैं। जैसे की रॉयल बंगाल टाइगर, रोजी पेलिकनराष्ट्रीय पक्षी मोर, पेलिकन और स्टॉर्, चिड़िया, एशियाई शेर, कैद ब्राउन आउल,वाइट टाइगर आदि 

 

नेशनल जूलॉजिकल पार्क की यात्रा के लिए टिप्स

  • ध्यान रखें कि यदि आप अपने बच्चों या दोस्तों के साथ यहां आते हैं, तो आपको किसी भी जानवर के पास नहीं जाना चाहिए या उसे खाना नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे आपका जीवन खतरे में पड़ सकता है और जानवरों और पक्षियों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।
  • पार्क में घूमते समय, कोशिश करें कि तेज संगीत न सुनें और न ही कोई वाद्ययंत्र बजाएं, क्योंकि इससे जानवर परेशान हो सकते हैं।
  • चिड़ियाघर में फूल तोड़ने की अनुमति नहीं है इसीलिए फूल तोड़ने का प्रयास ना करें ऐसा करते पाए जाने पर कार्यवाही की जा सकती है।
  • चिड़ियाघर के भीतर बाहर के भोजन की अनुमति नहीं है, क्योंकि यह अधिकारियों द्वारा निषिद्ध है। चिड़ियाघर के अंदर एक कैंटीन है जहाँ आप दोपहर का भोजन या हल्का नाश्ता ले सकते हैं।
  • पार्क में बैटरी से चलने वाले वाहन हैं जिनका उपयोग मैदान का भ्रमण करने के लिए किया जा सकता है।

दिल्ली जू की टाइमिंग 

दिल्ली जू फ्राइडे और पब्लिक हॉलीडेज को छोड़कर प्रतिदिन सुबह 9.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक खुला रहता है।


दिल्ली जू की एंट्री फीस 

व्यस्क पर्यटकों के लिए : 40 रूपये

बच्चो के लिए : 20 रूपये

विदेशी पर्यटकों के लिए : 200 रूपये

विदेशी बच्चो के लिए : 100 रूपये

कैमरा के लिए : 50 रूपये