रानीखेत के घूमने लायक सबसे खूबसूरत जगह की जानकारी

रानीखेत उत्तराखंड राज्य का एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। रानीखेत की यात्रा के बाद, आप प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण, ऊंचे देवदार के पेड़, हिमालय की ऊंची चोटियों और कई तरह की साहसिक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।
रानीखेत में घूमने लायक सबसे खूबसूरत जगहे


1. चौबटिया गार्डन -
चौबटिया गार्डन में खुबानी के बाग, आड़ू के बाग, बलूत के बाग, बादाम के बाग और सेब के बाग सहित कई उद्यान पाए जा सकते हैं। देखा जाए तो चौबटिया गार्डन रानीखेत की हर भव्यता को समेटे हुए है।

 

 

2 . गोल्फ ग्राउंड – 
रानीखेत गोल्फ ग्राउंड एशिया के सबसे बड़े प्राकृतिक गोल्फ मैदानों में से एक है और शहर का मुख्य आकर्षण है। आप यहाँ हरी घास और देवदार के पेड़ों का एक विशाल क्षेत्र देखेंगे, जहाँ आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ पिकनिक मना सकते हैं।


3. रानी झील
रानी झील रानीखेत बस स्टेशन से लगभग 1.5 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक कृत्रिम झील है, जिसे रानीखेत के छावनी परिसर द्वारा स्थापित किया गया था। इसमें नावें और बच्चों के झूले हैं।

 

4 .एडवेंचर पार्क
यह पार्क रानी झील के पास है, जिसमें कई तरह की एडवेंचर एक्टिविटीज की सुविधा है। यहां पर जोब्रिंग, फ्लाइंग फॉक्स, बर्मा ब्रिज, वाटर बॉल और कई तरह बच्चों के झूले की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।


5. झूला देवी मंदिर 
रानीखेत से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस मां दुर्गा मंदिर की स्थापना 8वीं शताब्दी में हुई थी। मंदिर के मैदान में लटकी हुई घंटियां इस मंदिर की पहचान करने में मदद करती हैं। कहा जाता है कि मां दुर्गा अपने सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं और मनोकामना पूरी होने के बाद भक्त इस मंदिर में तांबे की घंटियों चढ़ाते हैं।

 

6 . कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर 
कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर रानीखेत मुख्य शहर से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्रकार का संग्रहालय है जहां विभिन्न युद्धों में लिए गए हथियारों और झंडों को रखे गए है, और आप रानीखेत में जाकर इन हथियारों और बैनरों की देख सकते हैं। इसके साथ ही इस संग्रहालय में ऑपरेशन पवन के दौरान LTTE द्वारा पकड़ी गई एक नाव भी है, जिसे भी आप म्यूजियम में जाने के बाद देख सकते हैं।यह संग्रहालय उन लोगों के लिए है, जो पुराने हथियारों  को देखने का शौक रखते हैं।

 

7. कालिका देवी मंदिर
रानीखेत शहर में देवी कालिका को समर्पित यह मंदिर काफी पुराना है, जिसे 8वीं शताब्दी में बनाया गया था। कुमाऊं के लोगों का इस मंदिर पर अटूट विश्वास है, जहां स्थापित मां कालिका देवी अपने सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं।