क्या आप जानते हैं हरियाणा के ताजमहल के बारे में अगर नहीं तो आइये जानते हैं

हरियाणा का ताजमहल है शेख चेहली का मकबरा

पवित्र गीता की जन्मस्थली कुरुक्षेत्र सिर्फ महाभारत, शक्तिपीठ और दूसरे हिंदू धर्मस्थलों के लिए ही नहीं, शेख चेहली के मकबरे के लिए भी प्रसिद्ध है। देश के प्रमुख राष्ट्रीय स्मारकों में शुमार इस मकबरे को हरियाणा का ताजमहल भी कहा जाता है। राजधानी दिल्ली से अमृतसर के बीच इसके अलावा कोई भी ऐसा स्मारक नहीं है, जिसमें शाहजहां के समकालीन संगमरमर का प्रयोग किया गया हो। प्रसिद्ध सूफी संत शेख चेहली की याद में दाराशिकोह ने लगभग 1650 ई. में इसे बनवाया था। यह मकबरा दाराशिकोह के पठन-पाठन और आध्यात्मिक ज्ञान का भौतिक प्रतीक था। मकबरे की स्थापत्य कला बेजोड़ है, जो हर्ष के टीले के नाम से विख्यात प्राचीन टीले के पूर्वी किनारे पर स्थित है। शेख चिल्ली एक सूफी संत थे । उनका पूरा नाम अब्दुल-करीम–अब्द-उर-रज्जाक [abdul-karim abd-ur-razak] था। शेख चिल्ली कादरी सिलसिला से संबधित थे। शेख चिल्ली बुद्धिमान होने के साथ साथ एक उदार व्यक्ति भी थे।

शेखचिल्ली (Sheikh Chilli) – का जन्म

ऐसा माना जाता है कि शेख चिल्ली का जन्म बलूचिस्तान के खानाबदोश कबीले में हुआ था। लगातार घुमक्कड़ी का जीवन जीने के कारण चिल्ली कभी भी पढ़ न सके। चिल्ली बचपन से ही चमत्कारों की तलाश में पीर-फकीरों के दीवाने रहे। यह जमाना ही अंधविश्वासों, झाडफ़ूंक और गंडे-ताबीजों का था।

एक किवदंती के अनुसार शेख की बेसिरपैर की हरकतों से परेशान होकर एक रात कबीले वाले किसी सूखी झाड़ियों के झुंड के पास इन्हें सोता छोड़कर आगे निकल गए, इससे वो अकेले रह गए थे। अकेले होने के कारण उनकी कल्पनाओं को पंख लगा दिए। यहीं से शुरु हुआ उनकी कपोल कल्पनाओं और अजीबोगरीब कारनामों का सफर।

कहां से आया शेखचिल्ली

‘शेखचिल्ली’ शब्द का अर्थ देखें तो उसमें लिखा है- ‘एक कल्पित मूर्ख जिसकी मूर्खता की अनेक कहानियां जन-साधारण में प्रसिद्ध हैं। इसी के साथ यह भी लिखा है- ‘बड़ी-बड़ी हवाई योजनाएं बनाने वाला व्यक्ति।’शेखचिल्ली की कई कहानियां ऐसी ही हैं जिसमें उसने छोटी-सी चीज, जैसे – दही की हांडी से कल्पना करते-करते महल बनाया, शादी हुई, बच्चे हुए, फिर गुस्से में एक लड़के को लात मारी, जो असल में दही की हांडी में लगी और वह फूट गई।शेखचिल्ली का सारा सपना बिखर गया इसलिए उसे हवाई योजनाएं बनाने वाला कहा गया

शेख चिल्ली का मकबरा कहाँ पर स्थित है

शेख चिल्ली का मकबरा भारत के हरियाणा राज्य के थानेसर में स्थित है। इस मकबरे का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहां के बड़े पुत्र दारा शिकोह के द्वारा किया गया था। इस मकबरे में शेख चिल्ली के आलावा उनकी बेगम की भी कब्र बनी है।

शेखचिल्ली के मकबरे की स्थापत्य कला

शेख चिल्ली के मकबरे का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से हुआ है। मुग़ल सल्तनत के बादशाहों ने अपने जीवन कल विभिन्न भवनों का निर्माण इसी लाल बलुआ पत्थर से किया है। इस मकबरे के निर्माण में फ़ारसी वास्तुकला का प्रयोग किया गया है साथ इस इस मकबरे के दीवारों पर फूल पत्त्तों की सुन्दर कलाकृतियां भी बनायीं गयी है इस मकबरे के उत्तर दिशा में मुगल गार्डन स्थित है। इस इमारत के स्तम्भों की भी बहुत बारीकी से सजाया गया है।  इस मकबरे में मस्जिद के आलावा मदरसा लॉन और संग्रहालय बना हुआ है। इस संग्रहालय के बारे में कहा जाता है की यहां पर कई पांडुलिपियां और महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे गए है। इसी प्रकार का एक संग्रहालय तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में है जिसका नाम है सालारजंग संग्रहालय। यह संग्रहालय हैदराबाद शाही नवाबो की निवास स्थल था जिसे पर्यटन की दृस्टि से आम जन के लिए खोला गया है।

दोगुनी हुई पर्यटकों की संख्या

आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया के पुरातत्वविद व मकबरे के प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि पिछले पांच सालों में मकबरे पर आने वाले पर्यटकों की संख्या 40 प्रतिशत बढ़ी है। पांच साल पहले टिकट का मूल्य 5 रुपये था, अब 15 रुपये है, इसके बावजूद पर्यटकों की संख्या बढ़ना धर्मनगरी के लिए शुभ संकेत है।

बार-बार आने का मन करता है

शेख चेहली का मकबरा घूमने आए पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के असिस्टेंट प्रोफेसर नवदीप सिंह ने कहा कि वास्तव में यह मकबरा हरियाणा का ताज है। कई चीजें आगरा के ताजमहल से मिलती हैं। वे पहले भी यहां आ चुके हैं। जब भी वे कुरुक्षेत्र आते हैं, यहां आए बिना नहीं रुक पाते।